कंपाउंडिंग की शक्ति” कैसे काम करती है? । HOW TO WORK COMPOUNDING EFFECT? कंपाउंडिंग की शक्ति” कैसे काम करती है? । HOW TO WORK COMPOUNDING EFFECT?।COMPOUNDING EFFECT। WHAT IS MEANING OF COMPOUNDING?कंपाउंडिंग की शक्ति” कैसे काम करती है? । HOW TO WORK COMPOUNDING EFFECT? IN HINDI । COMPOUNDING EFFECT। WHAT IS MEANING OF COMPOUNDING?COMPOUNDING EFFECT। WHAT IS MEANING OF COMPOUNDING?
COMPOUNDING EFFECT
- कंपाउंडिंग की शक्ति” कैसे काम करती है?
- HOW TO WORK COMPOUNDING EFFECT?
Compounding (कम्पाउंडिंग) एक दिलचस्प और शक्तिशाली चीज़ है और जितनी कम उम्र में आप निवेश करेंगे उतना ही ज्यादा लाभ उठाने में सक्षम होंगे ।
यहाँ तक की दुनिया के महान वैज्ञानिको में एक अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा है-
- Compounding (कम्पाउंडिंग) का क्या मतलब है?
- WHAT IS MEANING OF COMPOUNDING?
Compounding आय पैदा करने की विधि है आपके पुनर्निवेश कमाई पर। यह दो बुनियादी परिसर पर काम करती है-
१. आय के पुनर्निवेश
२. समय के बीतने पर
2. With the passage of time
- Compounding असल जीवन में कैसे काम करती है ?
- HOW TO WORK COMPOUNDING EFFECT IN OUR LIFE?
चलिए मै आपको अपने चाचा की एक कहानी सुनाता हू। उन्होंने वर्ष १९८० (1980) में एक कंपनी में १०००(1000) रुपये निवेश किए थे और १०(10) शेयर्स ख़रीदा था। वर्ष १९८०(1980) में निवेश किया गया १० (10) शेयर्स आज ९,६०,००० (1,60,000) शेयर्स में तब्दील हो गया है।
- क्या आप अनुमान लगा सक्ते है की वह कौनसी कंपनी है?
उस कंपनी का नाम है विप्रो (WIPRO) और इसका वर्तमान मूल्यांकन १०० (100) करोड़ से ज्यादा की है। यह है compounding की शक्ति। जितना ज्यादा समय सीमा, उतना ही बेहतर compounding का जादू।
मगर एक चीज़ का ध्यान रख्खे की शेयर बाजार में जोखिम एक अहम हिस्सा है और इसी कारण अच्छी तरह विश्लेषण कर निवेश करना काफी आवशयक है।
चलिए विभिन्न निवेश वर्ग को समझते है। सेविंग बैंक अकाउंट से हमें ३-४ प्रतिशत, बैंक फिक्स्ड डिपाजिट से ६ प्रतिशत और शेयर बाजार से लगभग १०-१५ (10-15) प्रतिशत (लम्बी अवधी में स्वयं के जोखिम के छमता को मध्यनजर रखते हुए) मिल जाता है। ।
निचे दिखाई तालिका में हमें १०००(1000) रुपये को विभिन्न अवधी और प्रतिफल दर के अनुसार दिखाया गया है-
- प्रकृति से सीखे:-
- LEARN TO NATURE:-
चलिए एक सीख लेते है प्रकृति में असाधारण करिश्मा से। दूर प्रदेश में एक पेड़ है जिसका नाम है “चाईनीज़ बैम्बू ” का पेड़। यह पेड़ बाकी पेड़ो के मुकाबले थोड़ा अलग इसलिए है क्योकि इस पेड़ की बढत कुछ दूसरे प्रकार से होती है। जहा बाकी सारे पेड़ धीरे धीरे बढ़ते है समय के साथ, परन्तु यह पेड़ पहले ४ वर्षो तक यह ज़मीन के बहार नहीं आता परन्तु पाचवे वर्ष में कुछ अजीब होता है।
पाचवे वर्ष में लगभक केवल ५-६ (5-6) सप्ताह के भीतर यह बहुत ही तेजी से बढ़ कर यह लगभग यह ९०(10) फ़ीट की उचाई प्राप्त करता है।
“चाईनीज़ बैम्बू ” के पेड़ लगाने वालो को यह भरोसा है की यदि वे रोजाना पानी और खाद्द देते रहेंगे तो एक दिन जरूर आएगा जब यह पेड़ अवश्य बड़ा होगा। यही तर्क हमें शेयर बाजार के निवेश में भी मिलती है जो आपके धीरज का परिक्षण कर सकती है परन्तु एक दिन अवश्य आएगा जब आपको इसका इनाम मिलेगा।
तो कोई भी चीज़ जिसके होने में लम्बे समय लग सकती है तो जल्दी शुरुवात करना एक बेहतर विकल्प है।
महान निवेशक वारेन बुफेट अपनी पहली निवेश ११ वर्ष के उम्र में की थी और उनके मुताबिक उन्होंने काफी देर कर दी थी निवेश करने में ।
हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं की जितनी लम्बी अवधी उतना ही बेहतर लाभ होता है compounding से। लम्बी अवधी में शेयर बाजार दूसरे निवेश वर्ग के मुकाबले काफी बेहतर रिटर्न देने में सक्षम हुआ है। compounding का जादू बहुत ही बेहतर काम करता है लम्बे अवधी के निवेश में।
- सिख:-
- NOTE :-
हम हर माता पिता से एक विनम्र विनती करते है की जैसे ही उनके पुत्र या पुत्री का जन्म हो, उनके नाम पर एक छोटी राशि से निवेश अवश्य करे। या फिर हर माह उनके नाम पर थोड़ी थोड़ी निवेश करते रहे चाहे वह ५०० (500) या १००० (1000) रुपये ही क्यों न हो। इससे आप पर ज्यादा बोझ भी नहीं होगा और आपके बच्चे जब बड़े होंगे तब उनके उच्च शिक्षा जैसे बड़ी खर्चो के लिए यह परिपूर्ण होगा। इसके अलावा यदि वे खुद का कुछ शुरू करना चाहे तो भी यह राशि उनके काम ही आएगी।
ऐसी ही शिक्षा युवा पीढ़ी के लिए भी है की जैसे ही वे काम में लगे, थोड़ा थोड़ा हर महीने बचत करना शुरू करे अपने रिटायरमेंट के लिए। यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है परन्तु यदि हम शुरू से ही थोड़ा बहुत निवेश करना शुरू करदे तो रिटायरमेंट के समय ज्यादा बोझ नहीं होगा और सुख शांति से अपना रिटायरमेंट जीवन व्यतीत करने में सक्षम होंगे।
एक मशहूर विज्ञापन में शाहरुख़ खान ने कहा है-
“लार्ज बनता है इन छोटी छोटी चीज़ो से, स्माल मिलाते जा और लार्ज बनाते जा….. इट्स योर लाइफ मेक लार्ज”
इन शब्दों का बहुत गहरा मतलब है तो एक बार रुक कर थोड़ा चिंतन करे।
- निष्कर्ष:-
- CONCLUSION:-
एक बात का ध्यान रखे की अपनी पूरी पूंजी को केवल एक ही निवेश वर्ग में ना रखे बल्कि अपने पूंजी को डेब्ट और इक्विटी दोनों में ही निवेश करे। जब आप अपने जीवन के शुरुवाती दौर में हो तब आप ज्यादा से ज्यादा निवेश इक्विटी में करे (अपने जोखिम लेने की छमता को देखते हुए), परन्तु जैसे जैसे आप रिटायरमेंट के नजदिग पहुंचे, डेब्ट में अपनी निवेश बढ़ाते रहे।
Comments
Post a Comment